सहः-स्नेह सभी बहनों का अभिवादन करते हुए आज बड़े उत्साह एवं हर्ष के साथ इस पुस्तिका के रूप में, जो हमारे बुजुर्गों द्वारा दी गई “रीति-रिवाज़ों” की छोटी से छोटी जानकारियों को एक सूत्र में पिरोने की कोशिश की है। साथ ही हर रीति को बारीकी से समझने का प्रयत्न भी।
नए परिवेश के अनुरूप रिवाजों के परिवर्तित रूप को लिखने की एक चेष्टा भी की है।
समय-समय पर ऐसा भी महसूस किया है कि छोटी से छोटी बातों को हम संकोचवश पूँछ नहीं पाते हैं।
- रीति-रिवजों की कोशिश “एक कोशिश” में हर बात को व्यावहारिक भाषा में लिखा जाना।
- हर कार्यक्रमों की रूपरेखा के साथ-साथ सामग्री व तैयारी की विधि विस्तार।
- हर छोटे से छोटे पहलुओं को खुलकर बताने की कोशिश।
- अन्य कार्यक्रमों का विवरण।
- कार्यक्रमों के अनुसार चीज़ों का विवरण तथा उनका सुविधाजनक तरीक़े से बनाने की विधि एवं कुछ गीत।
ये पुस्तक एक प्रयास है रीति-रिवाजों को समझने का। क्योंकि सभी के यहाँ कुछ ना कुछ अंतर होता है जो कि स्वाभाविक है।
अन्त में सरल एवं व्याख्यापित करने का प्रयास, इसमें निश्चित है। यह पुस्तक रीति-रिवाजों की भ्रान्तियों को दूर करने में उपयोगी साबित होगी।इस प्रयास के बावजूद यदि कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसका परिमार्जन किया जा सकता है। अतः पुनः क्षमा प्रार्थी हूँ।