- सगाई में पहनने की ड्रेस साड़ी/लहँगा।
- महिला संगीत में पहनने की ड्रेस लड़की की।
- क्वारगत उतारने के लिये साड़ी प्रिंटेड क्योकि ये साड़ी नाउन को जाती है।
- आगौनी की पूरी ड्रेस-
- जयमाला के लिये लहँगा/साड़ी
- फुल ज्वैलरी
- पार्लर बुक कराना।
- आगौनी में बारातियों द्वारा तिलक कराते समय लड़की को सेत की साड़ी उड़ाई जाती है। वो परिवार में किसी की भी हो।
- फेरो में पहनने के लिये “खादी बरइया” की साड़ी (पीली साड़ी) पहनती है जो मामा के यहाँ से आती है।
- सुबह विदा के लिये घाट की साड़ी, लाल या गुलाबी रंग की, साड़ी में हरा पल्ला व बार्डर हो, पल्ले पर किनारे एक छोर पर छोटी सी चाँदी की घंटी लगती है।
- उसी हिसाब से हर ड्रेस के साथ ज्वैलरी की व्यवस्था।
ब्यूटी पार्लर बुक कराना
- सगाई के लिये
- महिला संगीत के लिये
- आगौनी – जयमाल के लिये विशेष रूप से
- जयमाल के लिये ज्वैलरी बुक कराना
- मेंहदी वाली बुक कराना
- ड्रेस मेचिंग चूड़ी सेट बुक कराना
- लड़की की टोटल ड्रेस सिलाकर तैयार ।
- साड़ी- फाल चरख पीको तैयार
- ब्लाऊज- सिलवाकर तैयार
- सूट- सिलाकर तैयार
सभी चीजो को सुरूचि पूर्ण ढंग से पैकिंग कराना चाहिये।