मुण्डन संस्कार-विस्तार से

  1. सबसे पहले मुण्डन संस्कार करने के लिये गुरू जी अथवा पंडित द्वारा दिन व मुहुर्त सुधवाया जाता है।
  2. मुण्डन संस्कार पहली, तीसरी व पॉचवी साल में किया जाता है।
  3. यदि घर में विवाह आदि हो तो पहले बालक का मुण्डन किया जाता है जिससे शुभ कार्य शुरू करने से पहले मुण्डन की माँये पूजी जाये।
  4. मुण्डन के लिये 32 की माँयें बनाई जाती है। जो सबसे बड़ी मानी जाती है।
  5. मुण्डन की छठी बनाई जाती है जो सवा मी0 कपड़े पर बनती है। पहले कुछ समय पूर्व दीवाल पर ही छठी रखी जाती थी।
  6. छठी रखाई नेग दिया जाता है।
  7. गुरू जो के कथनानुसार एक ही परिवार में मुण्डन की माँये दो बार पूजी जा सकती है।

पूजा का सामान

  1. 50 दिये।
  2. 1 छोटा कलश।
  3. 32 की माँएँ।
  4. 1.25 मी0 कपड़े पर बनी छठी।
  5. उर्द,लोहे की कील।
  6. 1 सेत की साड़ी।
  7. सुहागिन खिलाने के लिये साड़ी, ब्लाउज, सुहाग का सामान, फल, मिठाई इत्यादि।
  8. 11 पान।
  9. भीगे चने।
  10. 1 नया भगोना या कटोरा इत्यादि।