इसी दिन चरूआ रखा जाता है। मिट्टी के कलश में गाय के गोबर से कंगूरे बनाये जाते है। घर में सुपाड़ी, थोड़ा सा कत्था, हल्दी की गाँठ, 10 ग्राम जीरा, 1 गाँठ सौंठ व अजवाइन एक सफेद कपड़े में बांधकर ये पोटली पानी में डालकर आँच पर खौलाया जाता है। यह चरुआ सास, चचिया सास या ददिया सास रखती है। सर्वप्रथम इसमे रसोई धोकर चूल्हे पर सतिया लगाकर रोली, चावल, बताशे से पहले चूल्हे की पूजा होती है। चरूआ चढ़ाने वाले को चरूआ चढ़ाई नेग दिया जाता है।
रीति रिवाजों की खुशबू (कुमकुम चतुर्वेदी द्वारा)