विवाह के सम्पूर्ण कार्य विधिवत सम्पन्न होने के पश्चात घर में सत्यनारायण की कथा करवाने का विधान है। अतः पूरे घर परिवार एंव खानदानी स्वजनो के साथ सत्यनारायण जी की कथा कराई जाती है और भगवान के प्रसाद का श्रद्धापूर्वक वितरण किया जाता है। कथा के बाद नई बहू से भोजन में मीठा (खीर) बनवाई जाती है। वास्तव में मात्रा में अधिक होने के कारण केवल शगुन का हाथ ही बहू से लगवाया जाता है। बहू के द्वारा घर परिवार के लोगो को खीर परसवाई जाती है और घर के मर्द बहू को चूल्हा छुआई में उपहार स्वरूप रूपये या कुछ उपहार में देते है। प्रायः देखा गया है कि ससुर बहू की चूल्हा छुआई सोने की गिन्नी या कुछ आभूषण आशीर्वाद के रूप में देते है।
रीति रिवाजों की खुशबू (कुमकुम चतुर्वेदी द्वारा)