आगौनी का ढरा- सामान
- 50 पान 25 सुपाड़ी 4 चांदी के सिक्के, लगुन पत्रिका व नारियल।
- एक गिन्नी (सोने की)।
- हरी पोत का पुंज या मंगल सूत्र जो चलता हो।
- एक सेट- हार, झुमके, अंगूठी, कड़े।
- दो साड़ी व सुहाग का सामान।
- सिन्दौरा सिन्दौरी सिन्दूर भरकर।
- लाल चुटीला।
- चार गोद की थैलिया- ससुर की, काका की, मामा की, बुजुर्ग की।
ससुर की गोद- सुपाड़ी व बताशे की।
काका की गोद- सुपाड़ी व बताशे की।
मामा की गोद- मखाने सुपाड़ी की।
बुजुर्ग की गोद- बताशे की।
शाखोच्चार का ढरा- सामान
- 1 सेट गले का, कान का, अंगूठी।
- 2 साड़ी with सैट- साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट चूड़ी, मेकअप का सामान।
पहैना का ढरा- सामान
- 1 चुनरी या घाट (जो चलती हो) 1 साड़ी ब्लाऊज, पेटीकोट।
- 1 सैट सोने का गले का, कान का।
- 1 अंगूठी व कड़े।
- 1 नथ, 1 बैना (टीका)।
- 6 बिछिया, 1 जोड़ी पायजेब।
- भाई को विदा -1 गोला, रूपये व कपड़े।
- नाऊ बारिन को दो बाल्टी- एक बाल्टी में नाऊ के मर्दाने कपड़े (पेट- शर्ट) दूसरी बाल्टी में बारिन को साड़ी व घाट।
- कलश की न्यौछावर -दो चादरें।
- महरी व पनिहारिन की साड़ी।
- डेरों में पूजने के लिये 16 की माँयें, लाल फीता, सेलोटेप।
- कुथरिया, कुथरिया में बहू के लिये पंच मेवा भरी जाती हैं।