संगीत की शुरुआत
संगीत का सारा प्लान Plan तैयार करने के बाद इस प्रोग्राम को आगे बढ़ाने से पहले यानि शुरुआत करने से पहले
अपने घर परिवार की बड़ी बुजर्गो महिला वर्ग द्वारा बनाये गये रीति रिवाजो को (जो हमेशा से ही रीत चली आ रही है) ध्यान में रखते हुये हमारे घर की बड़ी-बूड़ी-दादी माँ, ताई, चाची, बुआ आदि के आदेशानुसार उनके मधुर स्वर कानो में पड़ना- “अरे भाई पहले नैक सगुनसात गणेश जी को गीत देविन के गीत गाय लेओ। कछु ढोलक पे दुई चार सगुन के बन्ने गाय लेओ।
इस तरह के आदेश मिलते ही घर की महिलाओं में बहू बेटियाँ ढोलक पर गणेश स्तुति देवी गीत और उसके बाद सामुहिक रूप से बन्ने गाती है। और हो भी क्यो न? लड़के का ब्याह हो और घर में ढोलक मजीरे संग बन्ने न गवे इसके बिना तो संगीत अधूरा रह जायेगा।
तो चले कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना, देवी गीत व बन्ने गीतो से करे। उसके साथ ही निश्चित कार्यक्रम को आगे बढ़ायें।
देखे शोभा महिला संगीत की
यदि चाहे तो -गणेश प्रस्तुति With नृत्य प्रस्तुति के बाद किसी देवी गीत जो नृत्य पर पर आधारित हो पर घर की बहू बेटिया स्वंय सामुहिक रूप से प्रस्तुत करे तो संगीत की शोभा में और चार चाँद लग जायेगे।