लड़के के ब्याह की स्वयं तैयारी

लड़के के ब्याह की स्वयं तैयारी

  1. बहू का घाट (भारी) तैयार करना।
  2. अमला तैयार करना।
  3. दो माँयें बनाना – एक माँयें 16 की मात्रपूजन के लिए। दूसरी माँयें 16 की डेरों में जाने के लिए।
  4. सिन्दौरी-सिन्दौरा सिन्दूर भर कर।
  5. लड़के के लिए “पनता” दुपट्टा तैयार करना। दुपट्टा लाल या गुलाबी होता है। पहले लड़का बिनैगी (घुडचढ़ी) में कंधे पर डालने के लिए मंदिर माता पूजने जाएगा। यही दुपट्टा बारात में जाता है। विवाह के वक्त गाँठ जोड़ने के लिए। कहा जाता है कि ये दुपट्टा हमेशा संभाल कर रखना चाहिए।
  6. दरवाज़े पर दोनो तरफ़ लगाने को हाथी। ये हाथी थर्माकोल या गत्ते के भी बनाए जाते हैं।
  7. पाँच (5) घाट तैयार करना।
  8. डोरी चौकी।
  9. एक कुथरिया – पंचमेवा भरकर।
  10. आगौनी, शाखोच्चार, पहैना तीनों में भेजनें के लिए (ज़ोड़े से) दो-दो भारी साड़ी। यदि चुनरी चढ़ती हो तो एक चुनरी। ध्यान रहे हम लोगों में साड़ी अकेले नहीं बल्कि जोड़े से जाती है। जैसे एक भारी साड़ी के साथ एक हल्की भी हो सकती है।

चार गोद डालनें के लिए थैलियाँ

  • पहली गोद ससुर की – सुपाड़ी बताशे की
  • दूसरी गोद काका की – सुपाड़ी बताशे की
  • तीसरी गोद मामा की – मँखाने सुपाड़ी की
  • चौथी गोद बुजुर्ग की – बताशे की
  1. बहू का मेकअप बॉक्स व शृंगार का सामान।
  2. पाऊड़े के लिए दो साड़ी (प्रिन्टेड)।
  • एक साड़ी – भातियों के लिए पाउड़ा
  • दूसरी साड़ी – बहू के पानीछा के लिए पाउड़ा
  1. साथ ही साथ , सात सकोरे (कच्चे) माँगरों का सामान – बाँटने के लिए
  • पैकेट में सुहाग का सामान – बिन्दी, सिन्दूर, आल्ता, मेंहदी, बैंण्ड, क्लचर, कंघा आदि
  • बाँटने के लिए बर्तन – सहूलियत के अनुसार
  • माँगर करने के लिए सामान – (आगे वर्णित है)
  1. जनेऊ होने के लिए सामान – यज्ञोपवीत संस्कार
  2. बहू के लिए जाने वाली साड़ियों के साथ के चूड़ी सेट व बैंगल बॉक्स
  3. दो कलश मिट्टी के
  • एक कलश – गौर रखनें को , दिन धरनें के लिए
  • एक कलश – चावल भर कर बहू के स्वागत में
  1. हरी पोत का पुंज या मंगलसूत्र जो चढ़ता है।
  2. लाल चुटीला – शगुन में बहू के लिए जाता है।
  1. तीन जोड़ी बिछिया – (चाँदी की)।
  2. एक जोड़ी पायजेब – (चाँदी की)।
  3. एक गिन्नी – दरवाजे पर आगौनि में बहू के हाथ में रखी जाती है।
  4. अमला रखाई नेग – एक गोला, रूपये व साड़ी/सूट । (इच्छानुसार)
  1. माँयें रखाई नेग – एक गोला, रूपये, साड़ी/सूट (इच्छानुसार)
  2. बिनैगरिया को सूट/कपड़ा
  3. सबसे पहले विवाह से सम्बन्धित सामान को पैक करके उन पर नाम के स्टिकर लगायें, कुछ स्वास्तिक के स्टिकर लगाये जिससे पता चले कि यह सामान विवाह से सम्बन्धित है।
  4. बारात का सामान ढरे की तीन कापी लिस्ट की बनायें जिससे क्या क्या सामान ढरे में गया एक कॉपी घर पर, एक बारात में गये मुखिया के पास हो व तीसरी लड़की के पिता को दी जाये।
  1. घर के लोगों (बारातियों) की हर अटैची व बैग तैयार करके उन पर भी नं0 लगाये। जानकारी में सुविधा होगी।
  2. सुविधा के लिए कार्यक्रम के अनुसार बैग बनायें। उसमें सम्बन्धित सामान रखकर नाम का स्टिकर व नं० लगा दें। उदाहरण के तौर पर – जनेऊ का बैग नं0 5(इसमें जनेऊ से सम्बन्धित हर सामान पहले से ही रखा है)।
  3. दिन धरने से लेकर पूरे विवाह भर कथा तक हर पूजा में उपयोग आने वाले सामान का बैग बनायें, नाम व नं० लिखें (पूजा का बैग)।