मकर संक्रांति

ये मुख्य रूप से दान करने पर्व है। ये पूस माह में पड़ने वाला पर्व है। संकान्ति के दिन सुबह नहा-धोकर भगवान की पूजा-अर्चना करने के बाद कोई 14 चौदह चीजे यानि वस्तुये छिड़की जाती है। साथ ही तिल की गजक, काले तिल के लडडू व खिचड़ी (चावल-काली दाल) छिड़की जाती है। बहुत से लोग सुबह-सुबह खिचड़ी बनाकर प्रसाद के रूप में ‘मंदिरो’ में व गरीबो में बाँटते है। छिड़का हुआ 14 सामान अपने से बड़ो को दिया जाता है। सबसे पहले जब भी आप पहली बार संकल्प ले, शुरूआत गुड़ की ढेली से की जाती है। फिर सुहाग का सामान, उसके बाद हर साल अपनी सामर्थ्य के अनुसार सामान छिड़का जाता है।