लड़का/लड़की होने पर कुछ थोड़े नियम अलग हो जाते है। पहले बच्चा होने से पहले बहू के ऊपर अपने कुल के देवी-देवता के नाम के उसारे होते है। साथ ही घर के बड़े बुजुर्गो (पितरो) के नाम के उसारे होते है।
लड़का
लड़के के तीन नहान होते है। इतवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार। लड़के का सोबर 17 दिन या 21 दिन का होता है। लड़के के जन्म की छठी विधि-विधान से होती है। लड़का होते ही नाग देवता के नाम का (रुपया) उसारा करके रखा जाता है जो लड़के के मुण्डन की छठी के वक्त ये रूपये रखे जाते है। लड़के का मुण्डन पूरे विधि विधान से होता है। लड़के के जन्म की छठी में दीवाल पर दरवाजे के दोनों तरफ गोबर से छठी रखी जाती है। बहू बालक को गोद में लेकर छठी पूजती है।
लड़की
लड़की के 4 नहान होते है। मंगलवार, इतवार व बुधवार को लड़की होने पर नाग देवता के नाम के रूपये (उसारा करके) नहीं रखे जाते है। लड़की की छठी 5 दिन की होती है। छठी में दीवाल पर छठी नहीं रखी जाती है। केवल लड़की की छठी में चरूआ रखा जाता है। लड़की का सोबर सवा महीने का माना जाता है। बच्चो के नहान कब कब होगे ये गुरू जी या पण्डित जी निकालते है।