सामग्री-तैयारी गोद भराई-
- बहू को पहनाने के लिए अंगूठी (Ring)
- दो साड़ी ब्लाउज पेटिकोट
- चूड़ी सेट – दोनो साड़ियों के साथ के
- बहू के लिए मेकप बॉक्स (शृंगार का सामान)
- बहू के भाई-बहन के कपड़े
- नारियल, मिठाई, फल, मेवा
- बहू के लिए चाँदी की पायजेब
- बहू को पहनाने के लिए कोई आभूषण या सेट
कार्यक्रम विधि–
सर्वप्रथम लड़की की तरफ़ के बुजुर्ग व्यक्ति, बाबा, ताऊ या पिता यहाँ वर पक्ष के बुजुर्ग व्यक्ति के हाथों में पक्कायत देते हैं, अर्थात् यहाँ के बड़े बुजुर्ग का सम्मान करते हुए पक्कायत के रूप में नारियल, फल, मिठाई व पक्कायत के रुपए देते हैं। सामर्थ्य के अनुसार जिस परिवार में जैसा चलन हो।
वर्तमान समय में इस रिवाज को बढ़ा कर करते हैं (जिसकी कोई सीमा नहीं) चाँदी का ग्लास, चाँदी की प्लेट एवं नारियल इत्यादि।
तत्पश्चात लड़के को तिलक करके उसे शगुन स्वरूप उपहार के रूप में चाँदी का ग्लास, सूट व इच्छानुसार अन्य सामान देते हैं। उसके बाद लड़की पक्ष के परिवार के अन्य लोग लड़के को तिलक करते हैं और उपहार स्वरूप रुपए या कुछ देते हैं।
उसके बाद लड़के की माँ बहू को (लड़की को) तिलक करती है। उसे सिर से साड़ी उढ़ाती है। तब बहू को गोद में नारियल, साड़ी ब्लाउज़, सुहाग का सामान, फल, मिठाई, ड्राई फ़्रूट्स आदि से बहू की गोद भरती है। उसके बाद बहू को उपहार स्वरूप कोई गहना(जेवर) या सेट पहनाती है। पायजेब देती है और बहू का मुँह मीठा कराती है।
माँ के बाद परिवार के अन्य लोग बहू को तिलक करके उपहार देते हैं। उसके बाद पहले लड़का बहू को अँगूठी पहनाता है, तब बहू लड़के को अँगूठी पहनाती है। इस कार्यक्रम के पश्चात लड़की वाले लड़का पक्ष के लोगों को उपहार स्वरूप सामर्थ्य के अनुसार भेंट देते हैं।
उसके बाद लड़के पक्ष की ओर से लड़की के भाई-बहनों को सम्मान के साथ भेंट स्वरूप कपड़े/रुपए दिए जाते हैं।
इस प्रकार दो परिवार एक रिश्ते में बंध जाते हैं।