इससे पहले कि इस विषय पर विस्तार से विचार रखे। हमारे हिसाब से (जच्चा-बच्चा) बहू का जापा होने से पहले यानि नया मेहमान आने से पहले भी कुछ खास तैयारियाँ हम कर ले तो सुविधा होती है। या यों कहा जाए क्यो कि पहले के सामाजिक परिवेश में संयुक्त परिवार होने से घर परिवार की सब बुजुर्ग वर्ग की महिलाये तथा अन्य महिलाओ के सहयोग से सब कार्य आसानी से हो जाते थे। परन्तु वर्तमान समय में एकल परिवार की पद्धती के चलते स्वंय ही एक घर की महिला को सब कार्य करने पड़ते है। इसलिये यदि कुछ तैयारियां पहले से ही हो जाये तो बेहतर है। मुझे लिखने में संकोच हो रहा था पर अब अगर विषय उठाया ही है तो छोटी से छोटी बातो को ध्यान में रखते हुये बताना आवश्यक हो जाता है।
तैयारी-पहले की
- जच्चा का बैग
- बच्चे (आने वाले) का बैग
- अन्य व्यवस्था
- सोबर में जच्चा के खाने-पीने की पूर्ण व्यवस्था जैसे-
- हरीरा
- बादाम का दूध या बादाम का छौंका
- किनौने की पूड़ी
- चूरन जच्चा के लिये
- सब मेवा पहले से तैयार रखना
- सब मसाले पहले से तैयार रखना
- मौसम के हिसाब से बच्चे के कपडो की यथावत व्यवस्था क्योकि आज के दौर में शुरू से ही बच्चे की व्यवस्था बना ली जाती है।
जच्चा का बैग
- 2 तौलिया एक छोटी एक बड़ी
- 2 पेटीकोट पुराने व गाड़े रंग के
- 2 गाउन
- 1 दुपट्टा/ शौल (मौसम के अनुसार)
- कंधा, शीशा, क्रीम, बिन्दी पत्ता
- टूथपेस्ट और टूथ ब्रश
- नहाना/कपड़े का साबुन
- डिटौल
बच्चे (आने वाले) का बैग
मौसम अनुसार कपड़े-
- मच्छर दानी गद्दे के साथ।
- 1 गरम ऊनी सूट (मौसम हो तो)
- 2 बोतल कवर
- दूध की बोतल
- 2 तौलिया पोंछने की
- 2 तौलिया लपेटने की
- 8-10 गद्दियाँ
- पुरानी धोती की तिकोनियाँ
- 4 ऊनी झबले(मौसम अनुसार)
- 6 सादा झबले
- बेबी सूट
- बनियान
- बिब
- छोटी रबड़ – बिछाने को
- गोद लेने की गद्दी
- बेबी वाइप्स
- हग़ीज
- जौनसन बेबी सोप, तेल
- जौनसन क्रीम
- जौनसन बेबी पाउडर
- कुछ पुराने सफ़ेद कपड़े
- दूध का डिब्बा
- थर्मस गरम पानी के लिए