पूजा करने के उपरान्त बहू द्वारा चरूआ छिड़का जाता है। इसमें
साड़ी, ब्लाउज, सुहाग का सामान, फल, मिठाई, अन्न की जगह 1 किग्रा0 दलिया छिड़का जाता है। आखिरी नहान के बाद जच्चा पूर्ण स्वच्छ मानी जाती है। वैसे सवा महीने तक जच्चा को आराम दिया जाता है। इसलिये घर में मन्दिर यानि पूजा का स्थान छोड़कर सब छू सकती है।
रीति रिवाजों की खुशबू (कुमकुम चतुर्वेदी द्वारा)