खेतरी बीजना- हे लक्ष्मी देवी! हमे धन धान्य प्रदान करे। हमारे ऊपर कभी भी प्राकृतिक आपदा न आये। हम जहाँ भी रहे वहीं पर हमे आप का आर्शीवाद प्राप्त हो। जौ बोने के लिये जौ एक दिन पहले पानी में भिगो दिये जाते है। जौ बोते समय मिट्टी के कूड़े मे पहले बालू व रेत मिला कर रखते है। जौ बोने के बाद इसका भी उपरोक्त विधि के अनुसार विधि-विधान से पूजन करते है।
अखण्ड ज्योत– जो देवी की अखण्ड ज्योत जलाते है, उनके लिये कलश स्थापना की तरह ही नियम है। दुर्गा जी की ज्योत असली घी (देसी घी) की ही जलाते है, जो पूरे नौ दिन लगातार जलती है। अखण्ड ज्योत (दीपक) में रोली से पहले सतिया बनाये। फिर उसमें रूई व कलावा से बटी (बनी हुई) लम्बी बाती डाले, जो नौ दिन तक चल सके। फिर उसमें घी डालें। माँ के सामने संकल्प के साथ ज्योत प्रज्वल्लित करे व ज्योत की पूजा करें। फूल चढ़ाये, अर्थात् हाथ में फूल, चावल, सिक्का लेकर माँ का ध्यान करते हुये संकल्प ले।