कार्तिक कृष्ण पक्ष की चौथ को यह व्रत किया जाता है। सौभाग्यवती स्त्रियाँ पति के रक्षार्थ यह व्रत करती हैं। रात्रि में प्रस्तुत चित्र की एवं सुहाग की वस्तुओं की पूजा की जाती है। दीवाल पर ऐपन से यह चित्र बनाया जाता है।
रीति रिवाजों की खुशबू (कुमकुम चतुर्वेदी द्वारा)