गणेश वंदना
गजानन कर दो पूरण काज,
आज हम तुम्है मनाते है।
तुम्है मनाते है गजानन,
तुम्हे बुलाते है।।
गजानन……….
सबसे पहले तुम्है मनाये
सभी बीच में तुम्है बुलाये,
गणपति आन पधारो हम तो
तुम्है बुलाते है।
गजानन……
आओ पार्वती के लाला
मूषक वाहन सुण्ड सुण्डाला
जपे तुम्हारे नाम की माला
ध्यान लगाते है।
गजानन…….
उमापति शंकर के प्यारे
तू भक्तो के काज सवारे
बड़े बड़े पापी है तारे
जो शरण में आते है।
गजानन…….
लड्डू पेड़ा भोग लगाओ
पान सुपाड़ी पुष्प चढाये
हाथ जोड़कर करे वन्दना
शीश नवाते है।
गजानन……..
सब भक्तो ने टेर लगाई
सब ने मिलकर महिमा गाई
रिद्धि सिद्धि संग ले आओ
हम भोग लगातें है।
गजानन………
गणेश वंदना
1. आओ गणनायक राजा
अपनी कृपा बरसाओ
कारज सफल बनाओ।।
दुंद दुदाला बाबा
सुंड सुंडाला
शिव का दुलारा
गिरजा मैया का प्यारा,
कांधे जनेऊ साजे मूसे सवारी
सारे देवो से पहले पूजा तुम्हारी,
थाल सजाकर आई
लड्डूओ का भोग लगाओ
कारज सफल बनाओ देवा।।
2. रिद्धि सिद्धि के स्वामी
बुद्धि के दाता
चरणो में ये जग सारा
शीश नवाता,
सुमिरन जो सबसे पहले
करते है तेरा,
करती है लक्ष्मी वहाँ
आकर बसेरा,
जो भी रिझाये उसके
हदय में सुख उपजाओ
कारज सफल बनाओ देवा
आओ………………
- ज्ञानी और ध्यानी तेरा
ध्यान लगाये,
सुर नर मुनिजन तुझको रिझाये,
करते है, धर्म ग्रन्थ तेरी बड़ाई
वेद पुराणों ने भी महिमा है गाई
भक्त करते है विनती
आकर दरश दिखाओ
कारज सफल बनाओ देवा
आओ…………
अपनी कृपा बरसाओ
कारज सफल बनाओ देवा
कारज सफल बनाओ देवा
गौरी वंदना
गौरी के नन्दन की
हम पूजा करते है।-2
हम पूजा करते है
हम वंदना करते है।
गौरी………
1.
शुभ कर्मो से पहले।
तेरा नाम लिया करते
कोई संकट आ जाये।
तुम दूर किया करते-2
उस संकट हारी की।
हम पूजा करते है।
हम पूजा करते है।
हम वन्दना करते है।
2.
वो धन्य है गौरी माँ।
जिसने तुम्हे जनम दिया।
भोले भंडारी ने
तुम को उपदेश दिया।
शंकर के दुलारे की।
हम पूजा करते है।
हम वन्दना करते है।
3.
सुखो के दाता हो
दुःखो के हर्ता हो
भक्तो के लिये भगवान
तुम भाग्य विधाता हो
उस भाग्य विधाता की,
हम पूजा करते है
हम पूजा करते है
हम वन्दना करते है।
गौरी के नन्दन की
हम पूजा करते है।
गणेश वंदना
गणपति विघ्न करो सब दूर-2
भोले बाबा विघ्न करो सब दूर
गणपति…………
1.
एक दन्त गल मुतियन माला
गौरा जी के है आप नन्दलाला
मस्तक तिलक सिन्दूर गणपति
विघ्न करों………..
2.
बिन आज्ञा मै कही न जाऊ
पहले गौरा जी के लाल को मनाऊ-3
रहू मै हाजरा हुजूर गणपति
विघ्न करो सब दूर…………..
3.
राम लखन गढ़ लंका को जाये
पहले आद्य गणेश मनाये-3
दुश्मन चकनाचूर गणपति
विघ्न करो सब दूर।।